सुप्रीम कोर्ट का आदेश अदाकारा गहना वशिष्ठ की गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए! जांच में करना होगा सहयोग...

पोर्नोग्राफी केस में अदाकारा गहना वशिष्ठ को मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट के आदेश नहीं होनी चाहिए गिरफ्तारी.

by SNEHA SHARMA

सुप्रीम कोर्ट का आदेश अदाकारा गहना वशिष्ठ की गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए! जांच में करना होगा सहयोग...

बॉलीवुड की अदाकारा गहना वशिष्ठ इन दिनों काफी सुर्खियां बटोरती नजर आई। खासकर उस वक्त जब गहना वशिष्ठ का नाम पोर्नोग्राफी केस के मामले में सामने आया। आपको बता दें ये वही मामला है। जिसमें शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को गिरफ्तार किया गया था पिछले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में गहना को सुरक्षा प्रदान करते हुए कहां की गहना वरिष्ठ की गिरफ्तारी नहीं होगी। परंतु कहना वशिष्ठ को जांच में पूरा सहयोग करना होगा। आपको बता दें इस केस में फिलहाल कई गिरफ्तारियां हो चुकी है।

Image creditor- gehana_vasisth Instagram account

शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा के जेल से बाहर आने पर गहना वशिष्ठ ने उन्हें वेलकम मैसेज पोस्ट करते हुए बहादुर बताया।
133 दिन हिरासत में रहीं गहना 
दोस्तों जानकारी के लिए आपको बता दें अभिनेत्री गहना वशिष्ठ के वकील का नाम अजीत वाघ है। उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष(प्रॉसिक्यूटर्स) का कहना था। कि अदाकारा गहना वशिष्ठ को अरेष्ट करने की आवश्यकता है। क्योंकि एक पोर्न रैकेट का पता लगाना बेहद जरूरी था। अदाकारा गहना वशिष्ठ के वकील ने यह भी कहा कि पहली (FIR) एफ आई आर एक टिप पर आधारित होने से यास्मीन को पकड़ लिया गया था।

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दोस्तों आपको बता दें अभिनेत्री गहना वरिष्ठ 133 दिन हिरासत में रही थी। और पहली एफ आई आर में चार्जशीट दाखिल कर दी गई और बाकी सारा मटेरियल एक सा है।

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आपको बता दें अभिनेत्री गहना वशिष्ठ के खिलाफ पोर्न कंटेंट बनाने और ओटीटी प्लेटफार्म पर डालने के लिए कुल 3 एफ आई आर दर्ज की गई है। जिनमें से 2 एफ आई आर में गहना वशिष्ठ को जमानत हो चुकी है। आपको बता दे जुलाई में मुंबई पुलिस ने तीसरी एफ आई आर दर्ज की थी।

सप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश 

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अभिनेत्री गहना वशिष्ठ के मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फैसला किया की गहना को तीसरी एफ आई आर के लिए गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए और गहना को चल रही जांच में सहयोग करना चाहिए। कोर्ट को जब आपकी जरूरत हो तो उस वक्त आपको पेश होना होगा। आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट(उच्चतम न्यायालय) ने मुंबई हाई कोर्ट के उस आदेश पर भी रोक लगा दी। जिसमें इस महीने की शुरुआत में उनकी अग्रिम जमानत याचिका(Bail petition.) खारिज कर दी गई थी।

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