रिक्शा चालक दूध बेचकर बना मास्टर, रिटायरमेंट पर मिले 40 लाख रूपए गरीब बच्चों में किया दान...

भारत देश में माता-पिता के बाद सबसे सर्वश्रेष्ठ स्थान गुरु को दिया गया है, क्यों की- “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर । 

by ANKIT JANGIR

रिक्शा चालक दूध बेचकर बना मास्टर, रिटायरमेंट पर मिले 40 लाख रूपए गरीब बच्चों में किया दान...

भारत देश में माता-पिता के बाद सबसे सर्वश्रेष्ठ स्थान गुरु को दिया गया है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जो बच्चे को शिक्षित करते हैं सही मार्गदर्शन कराते हैं उनका स्थान सबसे ऊपर है। यह आज से नहीं यह परंपरा बहुत दिनों से चली आ रही है और किसी को शिक्षित करना ही महान कामों मैं से एक काम है। 

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आज आपको हम एक ऐसे शिक्षक के बारे में बताएंगे। जिसे सुनकर आप भी रो पड़ेंगे औरआप भी कहेंगे कि आज भी इंसानियत जिंदा है। दोस्तों एक शिक्षक पूरी जिंदगी दूध बेचकर रिक्शा चलाकर हेड मास्टर बना और जब समय आया रिटायरमेंट का तो रिटायर होने पर मिले 40 लाख रुपए गरीब बच्चों में बांट दिए।    

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उनका नाम विजय कुमार है। विजय कुमार का जन्म बेहद ही साधारण परिवार में हुआ और उन्होंने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया। उन्होंने अपने जीवन में रिक्शा भी चलाया और भरण -पोषण करने के लिए दूध भी बेचा। तब जाकर उन्हें शिक्षक की नौकरी लगी और पूरे जीवन की कमाई उन्होंने गरीब बच्चों में बांट दी। आपको बता दूं कि विजय कुमार जी चंसोरिया जिले के संकुल केंद्र रक्सोहा प्राथमिक विद्यालय के सहायक शिक्षक थे। जिन्हें रिटायर होने पर कुल 40 लाख रुपए मिले और उन्होंने वह पैसे गरीब गरीब बच्चों में बांट दिए थे।

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जब उनसे पूछा गया कि आपने अपने पैसे गरीब बच्चों में क्यों बांट दिए। तो इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि गरीबी क्या होती है इसको मैंने बहुत करीब से देखा है। और मैं जानता हूं पैसे के अभाव में क्या तकलीफ सहनी पड़ती है। आखिर में कहा गरीब बच्चे पैसे के अभाव में अनपढ़ न बन सके इसलिए मैंने अपने पूरे जीवन की कमाई गरीब गरीब बच्चों में बांट दी।

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